GOLD :- 31.05.2012 बुलियन मार्केट में गोल्ड की चमक घटती नजर आ रही है। लंदन में पिछले तीन दिनों में पहली बार गोल्ड की कीमत में गिरावट आई है। ट्रेडर्स
को लग रहा है कि इनवेस्टर्स यूरोपीय कर्ज संकट के चलते सोने से इनवेस्टमेंट निकालकर डॉलर में लगाएंगे। ऐसा होने पर सुरक्षित निवेश के रूप में सोने की डिमांड में कमी आएगी। गोल्ड की कीमत में पिछले चार महीने से कमजोरी का रुझान बना हुआ है। इस महीने इसकी कीमत में 5.3 फीसदी की गिरावट आई है। इससे पहले यह 1999 में सबसे लंबे समय तक गिरता रहा था। इससे साफ तौर पर संकेत मिल रहे हैं कि ऑल्टरनेटिव ऐसेट के रूप में गोल्ड की डिमांड अब घटने लगी है।
यूरोप में आर्थिक खलबली के चलते ग्रोथ को लेकर बढ़ती चिंता के बीच मंगलवार को यूरो के मुकाबले डॉलर 22 माह के ऊंचे लेवल पर रहा। बॉम्बे बुलियन असोसिएशन ने बताया कि कमजोर रुपए और ज्यादा ड्यूटी के चलते सोने की कीमत बढ़ने से इस महीने गोल्ड का इंपोर्ट 51 फीसदी तक गिर सकता है। चीन के सबसे बड़े सरकारी इनवेस्टमेंट ग्रुप की यूनिट एवरब्राइट फ्यूचर्स के एनालिस्ट सुन यॉन्गगैंग ने कहा, 'चाहे ग्रीस के यूरोजोन से निकलने की बात हो या बेलआउट की कतार में अब स्पेन के आने की बात हो, इनवेस्टर्स का फोकस यूरोपीय संकट पर बना हुआ है। वे सुरक्षित निवेश के रूप में डॉलर में निवेश कर रहे हैं।' लंदन में मंगलवार को कारोबार के दौरान सोने का हाजिर भाव 0.2 फीसदी घटकर 1,577.25 प्रति औंस रहा था। लगातार चार महीने की गिरावट के बीच मई में सोना 5.3 फीसदी कमजोर हुआ है। इसमें 1999 के बाद से अब सबसे लंबे वक्त तक गिरावट का दौर चल रहा है।
न्यू यॉर्क के कमोडिटी एक्सचेंज पर अगस्त डिलीवरी वाले फ्यूचर्स कॉन्ट्रैक्ट का भाव 0.5 फीसदी चढ़कर 1,578.30 डॉलर पर रहा। मेमोरियल डे के मौके पर सोमवार को अमेरिकी बुलियन मार्केट बंद था। पृथ्वीराज कोठारी ने बताया कि लगातार 11 साल तक साल-दर-साल आधार पर बढ़त दर्ज करने के बाद इस साल अब तक गोल्ड सिर्फ 0.9 फीसदी मजबूत हुआ है। ब्लूमबर्ग न्यूज के सर्वेक्षण के मुताबिक, यूरो एरिया में कंज्यूमर कॉन्फिडेंस मई में (-) 19.3 रहा, जो अप्रैल में (-) 19.9 था। एक जून को आने वाली रिपोर्ट से पहले इकनॉमिस्ट्स के एक अलग सर्वेक्षण के नतीजों के मुताबिक, अप्रैल में बेरोजगारी दर बढ़कर 11 फीसदी हो गई, जो 1990 के बाद सबसे ज्यादा है। स्पॉट डिलीवरी वाले सिल्वर की कीमत 0.4 फीसदी बढ़कर 28.5175 डॉलर प्रति औंस रही।
को लग रहा है कि इनवेस्टर्स यूरोपीय कर्ज संकट के चलते सोने से इनवेस्टमेंट निकालकर डॉलर में लगाएंगे। ऐसा होने पर सुरक्षित निवेश के रूप में सोने की डिमांड में कमी आएगी। गोल्ड की कीमत में पिछले चार महीने से कमजोरी का रुझान बना हुआ है। इस महीने इसकी कीमत में 5.3 फीसदी की गिरावट आई है। इससे पहले यह 1999 में सबसे लंबे समय तक गिरता रहा था। इससे साफ तौर पर संकेत मिल रहे हैं कि ऑल्टरनेटिव ऐसेट के रूप में गोल्ड की डिमांड अब घटने लगी है।
यूरोप में आर्थिक खलबली के चलते ग्रोथ को लेकर बढ़ती चिंता के बीच मंगलवार को यूरो के मुकाबले डॉलर 22 माह के ऊंचे लेवल पर रहा। बॉम्बे बुलियन असोसिएशन ने बताया कि कमजोर रुपए और ज्यादा ड्यूटी के चलते सोने की कीमत बढ़ने से इस महीने गोल्ड का इंपोर्ट 51 फीसदी तक गिर सकता है। चीन के सबसे बड़े सरकारी इनवेस्टमेंट ग्रुप की यूनिट एवरब्राइट फ्यूचर्स के एनालिस्ट सुन यॉन्गगैंग ने कहा, 'चाहे ग्रीस के यूरोजोन से निकलने की बात हो या बेलआउट की कतार में अब स्पेन के आने की बात हो, इनवेस्टर्स का फोकस यूरोपीय संकट पर बना हुआ है। वे सुरक्षित निवेश के रूप में डॉलर में निवेश कर रहे हैं।' लंदन में मंगलवार को कारोबार के दौरान सोने का हाजिर भाव 0.2 फीसदी घटकर 1,577.25 प्रति औंस रहा था। लगातार चार महीने की गिरावट के बीच मई में सोना 5.3 फीसदी कमजोर हुआ है। इसमें 1999 के बाद से अब सबसे लंबे वक्त तक गिरावट का दौर चल रहा है।
न्यू यॉर्क के कमोडिटी एक्सचेंज पर अगस्त डिलीवरी वाले फ्यूचर्स कॉन्ट्रैक्ट का भाव 0.5 फीसदी चढ़कर 1,578.30 डॉलर पर रहा। मेमोरियल डे के मौके पर सोमवार को अमेरिकी बुलियन मार्केट बंद था। पृथ्वीराज कोठारी ने बताया कि लगातार 11 साल तक साल-दर-साल आधार पर बढ़त दर्ज करने के बाद इस साल अब तक गोल्ड सिर्फ 0.9 फीसदी मजबूत हुआ है। ब्लूमबर्ग न्यूज के सर्वेक्षण के मुताबिक, यूरो एरिया में कंज्यूमर कॉन्फिडेंस मई में (-) 19.3 रहा, जो अप्रैल में (-) 19.9 था। एक जून को आने वाली रिपोर्ट से पहले इकनॉमिस्ट्स के एक अलग सर्वेक्षण के नतीजों के मुताबिक, अप्रैल में बेरोजगारी दर बढ़कर 11 फीसदी हो गई, जो 1990 के बाद सबसे ज्यादा है। स्पॉट डिलीवरी वाले सिल्वर की कीमत 0.4 फीसदी बढ़कर 28.5175 डॉलर प्रति औंस रही।